रसना पर विजय प्राप्त करना होतो तप ही एक आधार है - महासती पुण्यशिलाजी

दो तपस्वी ने उपवास से मासखमण तप व दो तपस्वीयो ने लघु सर्वोत्र भद्र तप किया




मेघनगर (प्रकाश प्रजापति/जयेश झामर) l घर खाना अच्छा नही बने तो दिमाग़ का पारा  चढ़ जाता है कोई कोई तो थाली तक फेक देते है खाने मे ज्यादा नमक हो तो चले या ज्यादा मिर्ची हो तो चले? पर ये कितनी देर तृप्ति दे सकता है जिव्हा से हो कर पल भर मे पेट मे चला जाता है हम अपनी रसना (जिव्हा) के सेवक है जो खाने मे भी आगे और बोलने मे भी आगे शरीर की पहली संज्ञा आहार संज्ञा ये बाकि संज्ञा को उत्तेजित करती है इसमें जिव्हा माताजी समान है इसे रोज प्रशाद चढ़ाना पडती है और ये सभी को नचाती भी है इससे जितना हो तो तप का सहारा लेना जरुरी है तप करने वाला दृढ़ संकल्पी होता है जो तप नही कर पाता है वो अपने जीवन से हार जाता है तप कई प्रकार के होते है सबसे कठिन तप अनशन तप होता है जिसमें अन्न नही खाना यह सबसे श्रेष्ठ तप कहलाता है उक्त उदगार प्रवचन के दौरान प्रवर्तक पूज्य जिनेंद्रमुनिजी म.सा. के अज्ञानुवर्ति महासति पूज्य श्री पुण्यशीला जी म.सा. आदि ठाणा 5 के पावन सानिध्य में लगातार तपस्याओं की झड़ी लगी हुई है इसी तारतम्य में चार तपस्वीयो ने उग्र तपस्या का पारणा किया.  कुमारी कश्मीरा डोसी ने 32 उपवास व चांदमल चोरड़िया ने 33 उपवास की तपस्या पूर्ण की. लता बहन पोरवाल व सपना बहन वागरेचा ने लघु सर्वोत्र भद्र तप किया इस तप मे 100 दिन मे 75 उपवास करते हैं. सभी तपस्वीयो के अभिनंदन पत्र का वाचन नवयुवक मंडल अध्यक्ष विपुल धोका ने किया व कार्यक्रम का संचालन विनोद बाफना ने किया. सभी तपस्वीयो का बहुमान श्रीसंघ व विनोद कुमार बाफना परिवार द्वारा किया गया. प्रभावना  का लाभ हसमुखलाल वागरेचा परिवार, सुरेश चंद्र धोका परिवार व  पुण्य शीला जी म.सा. के सांसारिक भाई गादिया परिवार ने लिया.


तप का तप से बहुमान किया
सभी तपस्वी ओके तब का बहुमान समाजजनों ने तप से किया. 


1. कुमारी कश्मीरा डोसी के मासखमण तप  का बहुमान उनकी माता सुनीता डोसी ने वर्षीतप से किया.
2. चांदमल चोरड़िया के मासखमण तप का बहुमान निलेश वागरेचा व भंवरलाल संघवी द्वारा किया गया.
3. लता बहन पोरवाल के लघु सर्वत्रभद्र तप का बहुमान अंतिम जैन ने आठ उपवास, अंकित पोरवाल व पूजा पोरवाल ने वर्षीतप से किया.
4. सपना बहन बागरेचा का बहुमान पंकज वागरेचा, विपुल धोका, रवि लोढा, सीमा दुग्गड, सपना भंडारी ने वर्षीतप से किया.